Tuesday, March 31, 2009

कोई तो समाधान होगा इस नासूर का.?

कश्मीर भारत में उठ रहे आज़ादी की मांग, या पाकिस्तान परस्त रास्तर्द्रोही इस्लामिक जेहाद ? कश्मीर जिसे धरती का स्वर्ग और भारत का मुकुट कहा जाता था आज भारत के लिए एक नासूर बन चूका है। कारण सिर्फ मुस्लिम जेहाद के तहत कश्मीर को इस्लामिक राज्य बना कर पाकिस्तान के साथ मिलाने की योजना ही है, और आज रास्त्रद्रोही अलगाववादियों ने अपनी आवाज इतनी बुलंद कर ली है की कश्मीर अब भारत के लिए कुछ दिनों का मेहमान ही साबित होने वाला है और यह सब सिर्फ कश्मीर में धारा ३७० लागु कर केंद्र की भूमिका को कमजोर करने और इसके साथ साथ केंद्र सरकार का मुस्लिम प्रेम वोट बैंक की राजनीति और सरकार की नपुंसकता को साबित करने के लिए काफी है यह बात कश्मीर के इतिहास से साबित हो जाता है जब सरदार बल्लव भाई के नेतृतव में भारतीय सेना ने कश्मीर को अपने कब्जे में ले लिया था परन्तु नेहरु ने जनमत संग्रह का फालतू प्रस्ताव लाकर विजयी भारतीय सेना के कदम को रोक दिया जिसका नतीजा पाकिस्तान ने कबाइली और अपनी छद्म सेना से कश्मीर में आक्रमण करवाया और क़ाफ़ी हिस्सा हथिया लिया । और कश्मीर भारत के लिए एक सदा रहने वाली समस्या बन कर रह गयी और पाकिस्तान कश्मीर को हथियाने के लिए नित्य नयी चालें चलने लगा नतीजा भारत की आज़ादी के समय कश्मीर की वादी में लगभग 15 % हिन्दू थे और बाकी मुसल्मान । आतंकवाद शुरु होने के बाद आज कश्मीर में सिर्फ़ 4 % हिन्दू बाकी रह गये हैं, यानि कि वादी में 96 % मुस्लिम बहुमत है । वादी में कश्मीरी पंडितों की पाकिस्तान समर्थित इन्ही रस्त्रद्रोही अलगाव वादियों द्वारा खुले आम हत्याएं की जा रही थी और सरकार मौन रही थी इन हत्याओं और सरकार की नपुंसकता का एक उदाहरण यहाँ दे रहा हूँ सन् १९८९ से १९९० यानि एक वर्ष में ३१९ कश्मीरी पंडितों की हत्या की गयी और इसके बाद के वर्षो में यह एक सिलसिला ही बन गया था और सरकार का रूप तब स्पष्ट हो जाता है जब जम्मू-कश्मीर के वंधामा में दस साल पहले हुए कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के बारे में गृह मंत्रालय को जानकारी नहीं है। मंत्रालय ने कहा है कि विभाग को ऐसी किसी घटना की जानकारी नहीं है, जिसमें बच्चों समेत 24 कश्मीरी पंडितों का नरसंहार किया गया था। यह घटना जग विदित है मगर सरकार को इसके बारे में मालूम नहीं, सरकार के इसी निक्कम्मा पण के वजह से आज इन रास्त्रद्रोही अलगाववादियों का हिम्मत इतना बढ़ गया है की अब ये कश्मीर को पूर्ण इस्लामिक राज्य मानकर कश्मीर को पाकिस्तान के साथ मिलाने के लिए अब कश्मीर में बहरी राज्यों से आये हिन्दू मजदूरों को बहार निकल रहे हैं स्वतंत्रता दिवस के पवन अवसर पर हिंदुस्तान के रास्त्रघ्व्ज को जलाया गया हिंदुस्तान मुर्दाबाद का नारा लगाया जा रहा है और सरकार मुस्लिम वोट बैंक को खुश करने के लिए चुप बैठी है कश्मीर में आर्मी के कैंप पर हमला करके उनको जलाया जा रहा है फिर हम कैसे कह सकते हैं की कश्मीर हमारे अन्दर में है अगर कश्मीर का मुस्लिम हमारे साथ है तो क्यों वह देशद्रोही अलगाववादियों का साथ दे रही है? अगर केंद्र सरकार कश्मीर समस्या का समाधान चाहती है तो क्यों नहीं वह वहां के अलगाववादी आतंकवादियों को के खिलाफ एक्शन ले रही है ? क्यों नहीं सरकार विस्थापित कश्मीरी पंडितों को फिर से उनके जमीन को वापस दिला रही है क्यों कश्मीरी पंडितो के हक़ का दमन कर रही है ? क्यों नहीं आज तक हुए कश्मीर में कश्मीरी पंडितो के हत्याकांडो की जाँच करवा रही है ? कश्मीरी भाइयो का साथ देने वाले साम्प्रदायिक और अलगाववादी देशद्रोही सरकार के नज़र में क्यों आज़ादी का नेता बना हुआ है ? अगर इस सवाल का जवाब सरकार के पास नहीं है तो सरकार देश की जनता को धोखा देना छोर दे की कश्मीर हमारा है और अगर सरकार सच में कश्मीर समस्या का समाधान चाहती है तो कश्मीरी पंडितो को इंसाफ दिलाये और अलगाववादी आतंकवादियों को सजा देकर कश्मीर को इन देशद्रोहियों से मुक्त कराये, अंत में एक सवाल सरकार और आपलोगों से क्या हिंदुस्तान जिंदाबाद का नारा लगाने वाले अपने रास्त्रध्व्ज तिरंगे को सीने से लगाये मरने वाले साम्प्रदायिक हैं ?क्या हिंदुस्तान मुर्दाबाद का नारा लगा कर अपने रास्त्र ध्वज तिरंगे को जलाने वाला देशद्रोही नहीं और अगर देश द्रोही है तो इसके खिलाफ कोई एक्शन क्यों नहीं ?इस आंख की अंधी सरकार से इंसाफ की क्या उम्मीद इसलिए अपने दर्द का मरहम ढूंढने आपके पास आया हूँ मैं..

2 comments:

  1. ashish iimc k classroom me na jane hm is pr chrcha kr chuke he. ab ptrkaar bnne field me ja rhe ho. sb swalo k jbab khojna or muje jrur btana. ...... all the best.....

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  2. dear ek question ka zewab do. jagah kis ki hoti hai ? jo us par salon se rahta aaya hai,us ki ya jo gundon ki madad se us par shasan karne ki koshish kar rahr hai uski?kashmir ki awam ke liye indian govt.ka matlab gunda hi hai.aur jis army ki tarafdari tum kar rahe ho wo vahan ki janta ke sath kaise pesh aati hai.iske bare mein tumhe pata hoga .kashmir uske bashindon ka hai,jaise u.p. aur chhatisgarh hamare tumhare.jaise ham nahi chahenge ki koi hamare ghar mein ghus kar hame tang kare vaise hi wo bhi nahi chahte.aur hamari sarkaren kitni democratik hain iske bare mein baat na hi karna achha hai.

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