पाकिस्तान में श्रीलंका के क्रिकेट टीम पर आतंकवादी हमला हुआ । ये कोई छोटी बात नही है । क्यूंकि खेल को हमेशा से ही शान्ति का अभिप्राय माना जाता रहा है। पर पाकिस्तान में ऐसा होने से पता चलता है की वहा पर क्या दशा है। शुक्र है की हमले में श्रीलंका टीम बच गई ।
अच्छा हुआ की इंडियन क्रिकेट टीम का दौरा कैंसल हो गया नही तो सायद ये तयारी इंडियन क्रिकेट टीम के ही लिए थी। यदि ऐसा हो जाता तो इस बार तो युद्ध पक्का था। और इससे भारत और पाकिस्तान के बीच के सम्बन्ध ख़राब हो जाते । लेकिन इतना तो पता चल ही जाता है की पाकिस्तान अब कितना सुरक्षित है। भारत ही नही किसी और देश के लिए भी अब यह सुरक्षित नही रहा है। शायद जो बीज पाकिस्तान ने भारत जैसे देश के लिए बोए थे आज जब उनमे से पोधे अंकुरित हुए तो वो ख़ुद पाकिस्तान के लिए ही सिरदर्द बन गए है। दुनिया भर में पाकिस्तान के विरुद्ध आवाज़ उठ रही है और कोई भी देश अब पाकिस्तान में अपने खिलाड़ी भेजना नही चाहता है।
अभी हमारी क्लास में तस्वीरों के ज़रिए दुनिया के अशांत देशो में शान्ति फैलाने के अभियान के बारे में बताया था जिनमे खेल भी शामिल थे । लेकिन पाकिस्तान में तो शान्ति के पर्याय खेल को ही चोट दे दी। अब ऐसे देश में स्तिथी क्या हो जो अपने ही पेरो पर कुलाडी चला रहा हो ।
लेकिन पाकिस्तान तो इस बात से भी सबक नही ले रहा है । और अपनी इस गलती के लिए भी भारत को दोषी बता रहा है । शायद इससे बेवकूफ कोई हो सकता है क्या? जो अपनी गलती स्वीकार नही करता और ऐसे समय में भी दुसरो पर दोषारोपण कर रहा है । वो भी जब पुरी दुनिया जानती है की इसके पीछे ख़ुद पाकिस्तान की अपनी ही करतूत है । अगर करतूत किसी और देश की होती तो कैसे देश के बहार हमलावर चले जाते और वहा की पुलिस क्या कर रही थी। जो खिलाडियो को बीच में ही छोड़कर भाग गए थे । तो इस बारे तो इतना ही कह सकते है की इस देश का तो ऊपर वाला ही रख वाला है?
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