अगली होली में
अबीर-गुलाल याद करूंगा...
गालों पर लाली याद करूंगा...
कैंटीन के आगे जोर-जोर से ढोलक बजाना याद करूंगा...
ओएसडी का डांटना याद करूंगा...
पेट भर ठंडई पीना याद करूंगा...
दिन भर नशे में झूमना याद करूंगा ...
जी भर गुजिया और मट्ठी खाना याद करूंगा...
दिवाकर का नाचते हुए गिरना याद करूंगा...
हरी ठंडई के लिए ओझा सर की मिन्नतें करना याद करूंगा...
चमड़िया सर का प्यार से सिर पर हाथ फेरना याद करूंगा...
प्रधान सर का लंच याद करूंगा...
सच कहूं तो आईआईएमसी की होली याद करूंगा...
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