Friday, March 20, 2009

माया के राज में एफआईआर का रेट

सर्वेश का प्रसव पीड़ा में तड़पना जब उसकी 8 साल की बहन से सहन नहीं हुआ तो उसने उसकी सास से दाई बुलाने के लिए कहा लेकिन सारे परिवार पर तो जैसे दहेज में मोटरसाइकिल ना मिलने का भूत सवार था। किसी ने कुछ नहीं किया और सर्वेश पीड़ा से तड़पती रही। बहन के ससुराल आई 8 साल की लक्ष्मी ने मजबूर होकर खुद दाई बुलाई और अपनी जिज्जी को पीड़ा से मुक्त करवाया। सर्वेश को बच्चा हो गया था लेकिन इस पर भी ससुराल वालो का जी नहीं भरा तो सास ने सुबह ठंडे पानी से भरी 8 से 10 बाल्टी उस पर उढ़ेल दी। ठंठ से ठुठरती सर्वेश का स्वास्थ्य निरंतर बिगड़ता चला गया और अंत में उसने इम तोड़ दिया। यह घटना है कानपुर शहर से करीब ६५ किलोमीटर कानपुर देहात के गांव सम्भर-मुरीदपुर की। 11 लोगों का परिवार पालने वाले भूमिहीन किसान देवी प्रसाद ने अपनी बेटी सर्वेश की शादी सन् 2004 में कि थी। बेटी की मृत्यु की खबर पाकर जब वह अपने बेटे के साथ उसके ससुराल पहुंचे तो उनको और उनके बेटे को कमरे में बंद कर दिया गया और सर्वेश को जला दिया गया। इसकी शिकायत जब देवी प्रसाद ने पुलिस स्टेशन में दर्ज करानी चाही तो पहले आनाकानी और दसों चक्कर लगाने के बाद उनसे एफआईआर दर्ज करने के लिए 20 हज़ार रुपए मांगे गए।
यह हाल उस प्रदेश का है जहां की मुख्यमंत्री बसपा सुप्रिमो मायावती है। सोशल इंजीनियरिंग का नारा देकर यूपी को प्रगति की राह पर चलाने का दावा करने वाली मायावती के इस प्रदेश में बिगड़ी कानून व्यवस्था से आप भी वाकिफ हो जाएं। उन्होंने विपक्षियों पर शिकंजा कसने के लिए भले की प्रदेश भर में पुलिस अधीक्षक कार्यालयों तक पर एफआईआर दर्ज करवाने के लिए स्पेशल बूथ बनावा दिये हों लेकिन गरीब जनता के लिए कहीं कोई बूथ नहीं है।

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