Tuesday, October 29, 2019

याद आते हैं...

उसकी राह ताकना
उसके घर में झांकना
टायर का वो खिलौना
सड़कों की धूल फांकना
याद आते हैं...

देर रात जगना
उसके ख्यालों में रहना
कागज के वो पन्नें
पड़े रहना अनमने
याद आते हैं...

मेरे घर का एक कोना
छुप- छुप के रोना
तनहाई में होना
सुध बुध का खोना
 याद आते हैं...

Thursday, October 24, 2019

दीपक की महिमा है निराली

तम हटे, गम हटे, मिटे क्लेश सारा
खुशियों से जगमग हो घर ये हमारा।

जीवन तो दीपक है, हरपल ये जलता है
आंधी हो, तूफान हो चलता ही रहता है।

शिक्षक की भांति ये पाठ भी सिखाता है
अंधेरे में रहकर भी रौशनी दिखता है।

दीपक नई ऊर्जा है, आलस मिटाता है
दूर एक पंथी को राह भी दिखता है।

सेवा में दीपक के दुभ,हल्दी चंदन है
जग की इस ज्योति को मेरा अभिनन्दन है।

आकाश कुमार 'मंजीत'


Tuesday, October 8, 2019

मेरी बेटी

माता की बेटी है प्यारी सी मूरत है
सबकी दुलारी है भोली सी सूरत है
अपनी इस दौलत पे हम सब को नाज
अपनी ये बेटी तो सबसे खूबसूरत है।।