Tuesday, March 31, 2009

समझें " सलवा जुडूम "

भारत एक महान देश और यहाँ के लोग और भी ज्यादा महान हैं । ख़ुद को क्रिकेट खेलना नहीं आता होगा लेकिन क्रिकेट खिलाड़ियों पर कमेन्ट जरुर करेंगे , ख़ुद राजनीति का हिस्सा नहीं बनेगे लेकिन राजनीति को भला बुरा जरुर कहेंगे । ठीक इसी तरह अधिकतर समझदार भारतीय इस वक्त सलवा जुडूम के बारे में बात कर रहे हैं . उसे ग़लत ठहरा रहे हैं । उन समझदार लोगों को सिर्फ़ इतना ही पता है कि सलवा जुडूम में छत्तीसगढ़ की सरकार ने भोले भाले आदिवासिओं को निहत्थे मरने के लिए नक्सलियों के सामने छोड़ दिया है। जो थोड़े और समझदार हैं वो इतना और जानते हैं कि कुछ ' समझदार ' मानवाधिकार कार्यकर्त्ता सलवा जुडूम शिविर में गए थे और वहां उन शिविरों की दुर्दशा देखकर उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार की काफी आलोचना की है। उन सर्वज्ञानी लोगों की रिपोर्ट को सही मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इन शिविरों को बंद करने को कहा है। घर में सो कर के सलवा जुडूम के लिए छत्तीसगढ़ सरकार को कटघरे में खडे करने वाले उन सब समझदार लोगों से मेरा निवेदन है कि वास्तविकता को समझे बिना ज्यादा चिल्ल पौं न करें..पहले जमीनी हकीकत समझें फिर कुछ कहें , नही तो छत्तीसगढ़ में भी किसी राज ठाकरे को पैदा होने में ज्यादा टाइम नही लगेगा।

1 comment:

  1. aapki nazar mein hakikat kya hai?zara saf karen.aapko kya lagta hai ham jinhe naxalvadi ke nam se jaante hain ,inki main problem kya hai?aur raj thakre ke paida hone par yahi kahungi ki bombay mein ab tak kitne hi raj sadakon par ghoom rage hain.une rokne ke liye vahi taaktein aaengi jo maanvadhikaron aur loktantra ka matlab janengi.

    ReplyDelete