निर्वाचन आयोग एक संवैधानिक संस्था है । जिस पर लोकसभा , विधान सभा , और विधान परिषदों के चुनाव से लेकर के राष्ट्रपति ,उप राष्ट्रपति तक के चुनाव का दायित्व होता है ।
संविधान के अनुच्छेद ३२४ के तहत चुनाव आयोग का २५ /जनवरी/१९५० को गठन किया गया । २१ मार्च १९५० को सुकुमार सेन को मुख्य चुनाव आयुक्त बने , और १९ दिसम्बर १९५८ तक इस पद पर रहे । अक्टूबर १९८९ तक आयोग का सर्वेसर्वा मुख्य चुनाव आयुक्त होता था । लेकिन इसके बाद यह दायित्व मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्तों में बाट दी गई । जनवरी १९९० में यह व्वस्था समाप्त कर दी गई । पर संसद कानून बनाकर १९९३ यह व्वस्था फ़िर बहाल कर दी गई ।
चुनाव आयोग एक स्वायता संस्था है । कार्यपालिका से परे है, यह एक अर्ध -न्यायिक इकाई के तौर पर काम करता है। चुनाव के समय पर केंद्रीय व राज्य सरकार की पूरी मशीनरी ,जिसमें अर्ध सैनिक बल भी शामिल है को इसके दिशा निर्देश पर काम करना पड़ता है । १२ दिसम्बर १९९० में चुनाव आयोग को मुख्य चुनाव आयुक्त टी एन शेषन ने आयोग को एक सशक्त संस्था के रूप में स्थापित किया । शेषन ने चुनाव सुधार लागू करने में व्यापक पहल की । सबसे पहले वोटर कार्ड्स की बात शेषन ही उठाई थी ।
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