Monday, February 2, 2009
अखबार 20 फीसद अगड़ों तक सीमित - राही
भारतीय जनसंचार संस्थान के हिन्दी पत्रकारिता विभाग में महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर आज का समय,पत्रकारिता और गांधी विषय पर एक संगोष्ठी आयोजित की गयी । इस मौके पर गांधी स्मारक निधि के सचिव रामचन्द्र राही और गांधीवादी पत्रकार देवदत्त ने अपनी बात रखी। श्री राही ने कहा कि गांधीजी की पत्रकारिता समाज की कमजोरियों और कमियों को दूर कर स्वराज की स्थापना करने के लिए थी । उन्होंने पत्रकारिता के माध्यम से समाज की कुरीतियों और भेदभाव को मिटाने का बीड़ा उठाया था ।आज की परिस्थितियों पर चर्चा करते हुए श्री राही ने कहा कि बापू ने समाज के अंतिम आदमी के बेहतरी को विकास की कसौटी माना था । आज हम विकास को अलग नजरिए से देखने लगे हैं । सो, हालात मुश्किल होते जा रहे हैं । रामचन्द्र राही ने आज की पत्रकारिता के गिरते स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अखबारों में तो बस समाज के 20 फीसदी अगड़े तबके की बात होती है। ज़्यादातर पत्रकार और मीडिया हाउस समाज के उपेक्षित तबके की बात करने से परहेज करते हैं। प्रसिद्ध गांधीवादी पत्रकार देवदत्त ने कहा कि आज के पत्रकार सत्ता से जुडकर पत्रकारिता के आदर्शों और मूल्यों को भूल जाते हैं। हांलाकि उन्होंने यह भी कहा कि पत्रकारिता में आदर्श जैसी कोई चीज़ नहीं होती है। जिसे हम आदर्श कहते हैं वो हमारा काम है। पत्रकारिता में त्याग के लिए तैयार रहने की बात करते हुए देवदत्त ने कहा कि बिना समाज को जाने पत्रकारिता नहीं की जा सकती। समाज से कटकर कोई समाज की बात नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि समाज को समझने के लिए हमें पक्की सड़क को पार कर पगडंडियों पर चलने की जरूरत है। वहीं असली हिन्दुस्तान बसता है। संगोष्ठी का संचालन संस्थान के हिन्दी पत्रकारिता पाठ्यक्रम निदेशक डा0 आनंद प्रधान ने किया। इस अवसर पर छात्रों के प्रायोगिक अखबार दिल्ली एक्सप्रेस और दिल्ली मेल का विमोचन अतिथिद्वय ने किया । चेतना भाटिया ने ध्न्यवाद ज्ञापन किया ।
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मज़ा आ गया यहाँ आकर. पहली बार आना हुआ.
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