दो महीने से कार्यशाला सूनी पड़ी हुई है। लगता है लिखने की जगह इस ब्लॉग की प्राथमिकताएं कुछ और हो गयी हैं। चुप्पी तोड़कर कुछ संवाद बनाने की जरूरत है। शुरुआत शालिनी की तरह दो शब्दों से भी हो सकती है लेकिन दो शब्दों का दुहराव ठीक नहीं हैं।
शुभकामनाएँ
यह सन्नाटा तूफान आने से पहले का है.... श्रीमान
ReplyDeleteसिर्फ बातों से काम नहीं चलेगा। कुछ करना चाहिए बस इतना ही आग्रह है
ReplyDeleteअब आप आसानी से कमेंट कर सकते हैं
ReplyDeleteहिन्दी चिट्ठाजगत में आपका हार्दिक स्वागत है. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाऐं.
ReplyDeleteएक निवेदन: कृप्या वर्ड वेरीफिकेशन हटा लें तो टिप्पणी देने में सहूलियत होगी.