Friday, January 16, 2009

झारखण्ड में न बदले हर साल मुख्यमंत्री


झारखण्ड के तमाड़ विधानसभा क्षेत्र के लिये हुये उपचुनाव में राज्य के मुख्यमंत्री शिबू सोरेन राजा पीटर जैसे उम्मीदवार से हार जाना। पश्चिम बंगाल के नंदीग्रम विधानसभा क्षेत्र में हुये उपचुनाव में वामपंथी उम्मीदवार परमानंद भारती का तृणमूल कांग्रेस की प्रत्यासी फिरोजा बीबी से हार जाना और इसके पहले विगत माह पांच राज्यों में हुये विधानसभा चुनाव के मिले परिणाम संकेत दे रहे हैं कि लोकतंत्र मजबूत हो रहा है और जनता के सामने उम्मीदवारों का बड़ा कद बड़ा नाम या किसी पार्टी का बैनर लग जाना भर पर्याप्त नही होगा यदि अपने विवेक से बदलाव कर रही है तो यह लोकतंत्र की मजबूती का संकेत है और नाम से काम नही चलने वाला बल्कि काम ही काम आयेगा। झारखण्ड की राजनीति में शिबू सोरेन इक आसे व्यकित का नाम है जो वर्षों से यहां राजनीति का पर्याय बने रहे है। लेकिन उन्हें एक छोटी पार्टी के उम्मीदवार राजा पीटर से हारना पड़ा। राजा पीटर पिछले कई वर्षों से तमाड़ में अपना जनाधार बनाने में लगे हुये हैं। झारखण्ड में राजनीतिक स्थिरता के बाद आदिवासियो ने कहा कि उन्होंने ऐसे राज्य का सपना नही देखा था जहां हर साल मुख्यमंत्री बदले। आदिवासियों ने राष्ट्रपति शासन व नया जनादेश ही उचित विकल्प माना है। कुड़मी समुदाय उप मुख्यमंत्री सुधीर महतो को मुख्यमंत्री बनाने पर जोर दे रहे हैं।

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