Monday, January 12, 2009

यह चुप्‍पी बहुत खतरनाक है

दो महीने से कार्यशाला सूनी पड़ी हुई है। लगता है लिखने की जगह इस ब्‍लॉग की प्राथमिकताएं कुछ और हो गयी हैं। चुप्‍पी तोड़कर कुछ संवाद बनाने की जरूरत है। शुरुआत शालिनी की तरह दो शब्‍दों से भी हो सकती है लेकिन दो शब्‍दों का दुहराव ठीक नहीं हैं।
शुभकामनाएँ

4 comments:

  1. यह सन्नाटा तूफान आने से पहले का है.... श्रीमान

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  2. सिर्फ बातों से काम नहीं चलेगा। कुछ करना चाहिए बस इतना ही आग्रह है

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  3. अब आप आसानी से कमेंट कर सकते हैं

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  4. हिन्दी चिट्ठाजगत में आपका हार्दिक स्वागत है. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाऐं.

    एक निवेदन: कृप्या वर्ड वेरीफिकेशन हटा लें तो टिप्पणी देने में सहूलियत होगी.

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