Tuesday, April 21, 2009
सात मिनट में बनती 'रणनीति'
आईपीएल मैचों के दौरान इस बार शुरू किए गए पारी के बीच में साढ़े सात मिनट के तथाकथित 'strategy break ' को लेकर कोचों और खिलाड़ियों में गहरा रोष है। उनका कहना है कि यह एक तरह का व्यवधान है और इससे मैच के प्रवाह पर असर पड़ता है। मुंबई इंडियंस के कप्तान सचिन तेंडुलकर ने कहा, 'हां, हमने पिछले मैच में अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन स्ट्रैटिजी ब्रेक से टीम की लय टूटती है। मेरे ख्याल से साढे़ सात मिनट का ब्रेक बहुत लंबा होता है।' चेन्नै सुपर किंग्स के चीफ क्रिकेट ऑपरेशंस पूर्व क्रिकेटर और चयनकर्ता वीबी चंद्रशेखर भी ब्रेक से खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा, 'दस ओवर के बाद साढे़ सात मिनट के ब्रेक से एकाग्रता भंग होती है और यह मैच का काफी अहम दौर होता है।' हालांकि, आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी का कहना है कि यह ब्रेक टीमों को रणनीति तय करने के लिए दिया गया है लेकिन अधिकतर लोगों का मानना है कि प्रसारकों को विज्ञापनों के लिए अतिरिक्त स्लॉट देने के मकसद से दिया जा रहा है। हालांकि, साउथ अफ्रीका बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष अली बाकर को इसमें कोई शक नहीं है कि इस ब्रेक को पूरी तरह कमर्शल फायदे के लिए ही शुरू किया गया है। उन्होंने कहा, 'सचाई यही है कि क्रिकेट पूरी तरह से कमर्शल है। अब क्रिकेट में काफी राशि लगी होती है और इसमें से ज्यादातर भारत से आती है। आयोजक दर्शकों को रोमांचक मैच मुहैया कराने पर ही ध्यान नहीं दे रहे बल्कि वे इस खेल से ज्यादा से ज्यादा रेवेन्यू कमाना चाहते हैं।' बहरहाल, बाकर इसे कुछ गलत नहीं मानते हैं। उन्होंने कहा, 'आप उन्हें दोषी नहीं ठहरा सकते। समस्या यह है कि क्रिकेट के इस छोटे फॉर्मेट में वन डे और टेस्ट की तुलना में विज्ञापन ब्रेक काफी कम होते हैं। लिहाजा, वे कोशिश कर रहे हैं कि इस खाली समय में ज्यादा से ज्यादा विज्ञापनों को किसी तरह से दिखाया जा सके।' किंग्स इलेवन पंजाब के कोच टॉम मूडी को लगता है कि इस ब्रेक से सीधे तौर पर उनकी टीम पर असर पड़ा, क्योंकि बारिश से प्रभावित मैच में रविवार को उन्हें डेयरडेविल्स से शिकस्त का सामना करना पड़ा। मूडी ने कहा, 'हमने लय बनाई हुई थी और हमारे पास इसे गंवाने के लिए साढ़े सात मिनट थे। इससे डैनियल वेटोरी को लय का रुख डेयरडेविल्स की तरफ करने के लिए पर्याप्त समय मिल गया।' रॉयल चैलेंजर्स बंगलुरु के कोच रे जेनिंग्स ने कहा, 'आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि ब्रेक के दौरान दर्शकों की रुचि बनी रहे, क्योंकि इस दौरान वे क्या करेंगे। आयोजकों को इस दौरान ड्रेसिंग रूम में किए गए खिलाड़ियों के इंटरव्यू दिखाने चाहिए ताकि दर्शकों का मनोरंजन हो सके। इस दौरान अधिकारियों को लोगों से जुड़ना चाहिए।' स्टार स्पिनर हरभजन सिंह ने भी इससे नाखुशी जताते हुए कहा, 'मैं नहीं कहूंगा कि मैं इससे बहुत खुश हूं। आप अच्छी गेंदबाजी कर रहे होते हो और अचानक ब्रेक के कारण आपकी लय टूट जाती है।' भारत के पूर्व तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ ने भी कहा, 'तकनीकी तौर पर खिलाड़ियों को फायदा या नुकसान हो सकता है। टीम अच्छा नहीं खेल रही है तो ब्रेक का फायदा होता है लेकिन अच्छा खेलने के दौरान इस तरह का ब्रेक नुकसानदेह साबित होता है।' दूसरी तरफ, आईसीसी ट्वेंटी-20 वर्ल्ड कप के टूर्नामेंट डायरेक्टर स्टीव एलवर्दी ने इसकी वजह नहीं जानते हैं लेकिन वह इससे नाखुश हैं। उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता कि इसके पीछे कमर्शल या क्रिकेटिया कारण है। खेल में प्रवाह जारी रहना जरूरी है। ट्वेंटी-20 वर्ल्ड कप में इस तरह के ब्रेक नहीं होंगे।'
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दोस्त क्रिकेट में खेल ही कितना बचा है जो कोई खिलाड़ियों की सुनेगा. वो तो अपने प्रभाष अंकल(जोशी) हैं जो आज भी इसमें खेल ढूंढते हैं. जबकि ये खेल उन्ही की आँखों के सामने जाता रहा.
ReplyDeleteखैर कोई भी 'खिलाड़ी' खेल के बीच में इस तरह की 'रुकावट' पसंद नहीं करेगा. लेकिन आईपीएल में खेल और खिलाड़ी खोजना और भी मुश्किल काम है.