Wednesday, February 3, 2010

आईआईएमसी में स्पीक मैके का आयोजन

एक फरवरी को शाम पाँच बजे आईआईएमसी में एक स्पीक मैके का कार्यक्रम रखा गया था। इस मौके पर मोहन वीणा वादक पंडित विश्व मोहन भट्ट और पंडित रामकुमार मिश्र सादर आमंत्रित थे। आईआईएमसी के निदेशक सुनीत टंडन ने उनका अभिनंदन किया। संध्या का शुभारंभ दीप-प्रज्जवलन कर किया गया।

इस अवसर पर पंडित जी ने शास्त्रीय संगीत की खूबसूरती के बारे में छात्रों को बताया। उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं को शास्त्रीय संगीत से जोड़ने की यह अच्छी पहल है। कार्यक्रम की शुरूआत आलाप से हुई और मोहन वीणा की झंकार श्रोताओं के दिलों में उतरती चली गई। आलाप के बाद तबले पर जब संगत शुरू हुई तो सब जैसे बँध-से गए। जब ताल द्विगुन, चौगुन होते हुए अठगुन तक पहुँच जाता तो छात्र उत्तेजित होकर ताली बजाने लगते। ताल की गति के साथ-साथ श्रोताओं के सिर भी हिलने लगे। यह एक सबसे बड़ा फर्क है हमारे शास्त्रीय संगीत और पश्चिमी संगीत में। पश्चिमी संगीत सुनते समय हमारे पैर थिरकते हैं जबकि शास्त्रीय संगीत सुनते समय हमारे सिर। उनके लिए वाद्य यंत्र केवल एक इंस्ट्रुमेंट है जबकि हमारे लिए माँ सरस्वती का दूसरा रूप।

कार्यक्रम के अंत में निदेशक सुनीत टंडन ने उन्हें शॉल भेंट की। कार्यक्रम में उपस्थित सभी प्रोफेसरों, संकाय सदस्यों और छात्रों ने खड़े होकर उनके प्रति अपना सम्मान प्रकट किया।

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