Thursday, May 7, 2020

जीजा साली


जीजा संग थी उनकी साली
जैसे गरम एक चाय की प्याली।
बगल में आकर बैठ कर बोली
मुझे दिला दो घाघरा चोली।
पहन उसे मैं इठलाऊंगी
सब सखियों को दिखलाऊंगी।
जीजा जी ने मान ली बात
पटना चल दिए लेकर साथ।
मॉल, मार्केट बहुत घुमाया
पर एक ड्रेस भी पसंद ना आया।
मन दोनों का बहुत उदास
भूख लगने का हुआ आभास।
'पेट की भूख मिटाओ जिज्जा'
'मुझे खिलाओ बर्गर पिज्जा।'
पिज्जा खाकर मन हुआ गदगद
रात भी हो चली थी लगभग।
घर जाने का आया होश
पर जाने का नहीं था जोश।
'कल हम पटना फिर आएंगे'
'तुम्हे नई एक ड्रेस दिलाएंगे।'
ये सुनते ही उछल पड़ी थी
बड़ी ही दुर्लभ वो घड़ी थी।
खुशी खुशी घर वापस आ गए
साली जी को जीजा भा गए।
ये जीवन का अहम है हिस्सा
बड़ा ही सुन्दर है ये रिश्ता।





















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