Tuesday, February 10, 2009

आईआईएमसी में पूर्व छात्र मिले

हिमांशु शेखर
नई दिल्ली, 7 फरवरी, भारतीय जनसंचार संस्थान यानी आईआईएमसी के हिंदी पत्रकारिता विभाग ने एल्युमुनाई मीट का आयोजन किया। इस अवसर पर 1987 बैच से लेकर मौजूदा बैच के विद्यार्थी मौजूद थे। आयोजन की मुख्य अतिथि और संस्थान की निदेशक स्तुति कक्कड़ ने कहा कि हिंदी ही देश की भविष्य है और इस लिहाज से 1987 में आईआईएमसी में हिंदी पत्रकारिता की पढ़ाई की शुरुआत करना काफी महत्वपूर्ण कदम था।
हिंदी पत्रकारिता पाठयक्रम के पहले निदेशक रामजी लाल जांगिड़ ने कहा कि भारत की जरूरतों को समझते हुए देश की पत्रकारिता में हर वर्ग की उपस्थिति के मकसद को ध्यान में रखते हुए यहां पत्रकारिता का पाठयक्रम हिंदी में किया गया था। उन्होंने कहा कि हमें इस बात का गर्व है कि मीडिया के कई दिग्गज आईआईएमसी के हिंदी पत्रकारिता विभाग से निकले है । इस पाठयक्रम के निदेशक रहे सुभाष धुलिया ने कहा कि आईआईएमसी मीडिया में केंद्र बिंदु की तरह है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि मीडिया पर बातचीत के लिए जीवंत संवाद की कमी है और इस संवादहीनता को दूर करना बेहद जरूरी है। संस्थान के पूर्व छात्र इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं । आईआईएमसी के हिंदी पत्रकारिता विभाग के पूर्व पाठयक्रम निदेशक प्रदीप माथुर ने कहा कि संस्थान की स्थापना जिस मकसद से हुई थी, उसमें आईआईएमसी कामयाब दिखता है।
हिंदी पत्रकारिता पाठयक्रम के मौजूदा निदेशक आनंद प्रधान ने कहा कि एल्युमुनाई मीट का आयोजन पहली बार किया गया है और यह एक छोटी सी शुरूआत है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि संस्थान इस तरह का आयोजन हर साल करेगा । उन्होंने कहा कि आईआईएमसी परिवार के सभी सदस्यों में जीवंत संवाद के लिए एक वेबसाइट तैयार करने की भी योजना है। पहले सत्र में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए हिंदी पत्रकारिता विभाग के लालबहादुर ओझा ने इस एल्युमुनाई मीट को एक संगम की संज्ञा di । इस मौके पर मौजूदा बैच के छात्रों से परिचय कराती एक वीडियो का भी प्रदर्शन किया गया।
दूसरे सत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। इस मौके पर संस्थान के हिंदी पत्रकारिता विभाग से पढ़ाई करके निकले और अभी प्रमुख मीडिया संस्थानों में काम कर रहे varishtha लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए और संस्थान से जुड़ी अपनी यादों को साझा किया.

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