Monday, April 13, 2020

लॉक डाउन का मारा पति बेचारा

'निगाहें' फिल्म का एक गाना है-सारा सारा दिन तुम काम करोगे, रात को आराम करोगे, प्यार कब करोगे?  दूसरा गाना है 'रोटी,कपड़ा और मकान' फिल्म से- तेरी दो टके की नौकरी पे मेरा लाखों का सावन जाए...साफ तौर से इन गानों के जरिए पत्नी या प्रेमिका अपने प्रेमी से प्रेम की मांग करती है...अपने लिए समय चाहती है...वो चाहती है अपने प्रियतम की बाहों में कुछ वक्त गुजारना...पर ये पूरा नहीं हो पाता...   चाहत अधूरी रह जाती है...क्योंकि पति महोदय को पैसा कमाना है...अपने लिए भी और मोहतरमा के लिए भी... ऐसे में शिकायतों का सिलसिला शुरू होता है...ऐसी शिकायतें हर नौकरी पेशा पति से उसकी पत्नी या प्रेमिका को होती है... आज नौकरी और व्यवसाय दोनों में काम का दबाव है...रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए ये काम जरूरी भी है...ऐसे में प्यार के लिए वक्त निकालना मुश्किल हो जाता है...पत्नी या प्रेमिका के इसी दर्द को इस गाने के जरिए समझाने का प्रयास किया गया है...
तो क्या इस लॉकडाउन में ऐसी शिकायतों पर ब्रेक लग गया है?
क्योंकि आजकल पति प्यारे के पास टाइम ही टाइम है...प्यार के लिए भी और तकरार के लिए भी...फुलटाइम सर्विस है जितना चाहे निचोड़ सकते हैं...पति तो बेचारा होता है...उसे बहुत कुछ सुनना पड़ता है...घर में भी और दफ्तर में भी...पति में एक और खासियत होती है... ये उफ्फ ना करने की कला में माहिर होता है...ऐसे में पीड़ित पति को सरकार से सब्सिडी की मांग करनी चाहिए...वोट के लिहाज से भी देखे तो सरकार के लिए एक बड़ी आबादी को हाशिए पर रखना घाटे का सौदा हो सकता है...
खैर ये दौर दुबारा नहीं आनेवाला...इसलिए इस पल को यादगार बनाने की पूरी कोशिश की जाए...कुछ खट्टे मीठे पलों से जीवन रूपी तस्वीर को सजाने का प्रयास किया जाए...घर को खुशहाल और जीवन को बेहतर बनाने का प्रयत्न किया जाए...
'Be Positive Think Positive'




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