Tuesday, October 29, 2019

याद आते हैं...

उसकी राह ताकना
उसके घर में झांकना
टायर का वो खिलौना
सड़कों की धूल फांकना
याद आते हैं...

देर रात जगना
उसके ख्यालों में रहना
कागज के वो पन्नें
पड़े रहना अनमने
याद आते हैं...

मेरे घर का एक कोना
छुप- छुप के रोना
तनहाई में होना
सुध बुध का खोना
 याद आते हैं...

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